ये तख़्त ए सलीब पर

ये तख़्त ए सलीब पर कौन है लटक रहा
के जिसके सारे जिस्म से ख़ून है टपक रहा

1.मिसाल बर्रा बे ज़ुबान , वो मालिक ए दोनों जहान
लटक रहा है नीम जान और सामने खड़ी है माँ

2. है सरनगु है मगर , सर पे ताज लटक रहा
और इस तरफ इक बे सबर हजूम है लपक रहा

3. वो मर्द ए बेगुनाह है और दर्द बे बयान है
और इसके आस पास अब ना कोई दोस्त है ना आशना

4. वो सब्र की कह रहा आए परवरदिगार
आए बाप तू इनको माफ़ कर , नादान हैं ना दे सज़ा