दिल लगा कर येसु येसु करना
जान लगा कर येसु येसु करना
आना हो जब कभी रसूलों का
घर सजा कर येसु येसु करना
साज़ जो भी तुम्हे मुअस्सर हो
सब बजा कर येसु येसु करना
देखना जब येसु की आमद को
सिर उठा कर येसु येसु करना
रात सोते हुए चिरागों को
तुम बुझाकर येसु येसु करना
सुबह उठते ही तुम शुक्र करना
उसकी शरीअत का फिर जिक्र करना
फिर किसी शैअ की ना फ़िक्र करना
हक़ की खातिर पेश जिगर करना
रात सोते हुए चिरागों को
तुम बुझाकर येसु येसु करना
जुल्म सहने पड़ेंगे सब तुमको
मारेंगे पत्थरों से जब तुमको
चोट जब भी कोई लगे तुमको
मुस्कुरा कर येसु येसु करना
अपने मुनकर तुम बनके आ जाओ
रब्ब ए कादिर के दिल को भा जाओ
अपनी अपनी सब सलीबों को
तुम उठाकर येसु येसु करना
सब शहीदों पे है उसका एहसान
जीना मुश्किल है मरना है आसान
बात कटने की जो कभी आए
सर झुकाकर येसु येसु करना