Sher – सलीब पे नासरी ने जो एक एक बात कही
निकले हज़ार पहलू उसी बात बात के
दिल पर क्या क्या नक़्श उतारे येसु ने
सात सलीबी कलमे पुकारे येसु ने
1.बक़्श इन्हें आए बाप तुझे ये जानें ना
क्या करते हैं साथ मेरे पहचाने नां
पहला कलमा कहकर ग़म की सलीब पर
बख़्शिश के ऐलान पुकारे येसु ने
2.मरते हुओं को बख़्शे जीवन की सौगात
आज तू फिरदौस में होगा मेरे साथ
दूसरा कलमा कहकर दार पे डाकू से
मुक्ति के दर खोले सारे येसु ने
3.बिखरा रिश्ता देकर ख़ून समेटा है
देख ये तेरी माँ ये तेरा बेटा है
तीसरा कलमा कहकर देखो सलीब पर
उल्फ़त के सब क़र्ज़ उतारे येसु ने
4.गूँजी सदा आए मेरे ख़ुदा आए मेरे ख़ुदा
सलीब पर है तूने मुझे क्यूँ छोड़ दिया
दर्द भरा ये चौथा कलमा कहकर फिर
कितने लम्हे तन्हा गुज़ारे येसु ने
5.गिरते हुओं की हिम्मत और दिलासा है
तेरी नजात की ख़ातिर आज वो प्यासा है
दार पे पाँचवां कलमा कहकर प्यासा हूँ
खोए हुओं को किए इशारे येसु ने
6.उसकी सलीब पर पाक तरीन मक़ाम हुआ
मेरा कफ़्फ़ाराह देकर कहा तमाम हुआ
छटा कलमा कहकर देखो सलीब पर
बाप से मेल कराये प्यारे येसु ने
7.तेरा हूँ मैं दुश्मन की सब घातों में
सौंपता हूँ मैं रूह को तेरे हाथों में
सातवाँ कलमा कहकर देखो सलीब पर
मेल मिलाप के नारे मारे येसु ने
Lyrics – Janab Khalid Emmanuel
Composer – Sohail Randhawa