दुआ में क्या नहीं मिलता दुआ में ….
मांगे जो क्या नहीं मिलता दुआ में …
उम्मीदों का चमन गर सूख जाए जलती धूपों से
ख़ुदा के पाक रूह की बारिशों से क्या नहीं खिलता
अगर लहरों में कश्ती डगमगा जाये थपेड़ों से
हजारों दरदिशों दौरान तालिबों को हासिल क्या नहीं मिलता
खुदा ने बहुत से वायदे किए हैं अपने लोगों से
करे जब साफ़ दिल से इंतजा तो क्या नहीं मिलता
अगर शेरों की मांदों में या डाले जलती भट्टियों में
ख़ुदा के आशिक़ों का क्या येसु जा कर नहीं मिलता