गिन – गिन के स्तुति करूं, बेशुमार तेरे दानों के लिए
अब तक तूने सम्भाला मुझे, अपनी बाहों में लिए हुए |
तेरे शत्रु का निशाना, तुझ पर होगा ना सफल,
आंखों की पुतली जैसे, वो रखेगा तुझे हर पल ।
गिन – गिन के स्तुति करूं, बेशुमार तेरे दानों के लिए
अब तक तूने सम्भाला मुझे, अपनी बाहों में लिए हुए |
आंधियाँ बनके आएं, ज़िन्दगी के फिकर,
कौन है तेरा खेवनहारा, है भरोसा तेरा किधर ।
गिन – गिन के स्तुति करूं, बेशुमार तेरे दानों के लिए
अब तक तूने सम्भाला मुझे, अपनी बाहों में लिए हुए |
आये तुझे जो मिटाने, वो शस्त्र होंगे बेअसर,
तेरा रचने वाला तुझ पर , रखता है अपनी नज़र ।
गिन – गिन के स्तुति करूं, बेशुमार तेरे दानों के लिए
अब तक तूने सम्भाला मुझे, अपनी बाहों में लिए हुए