Haiqal ki Chokhton Pe – हैकल की चोखटों पे

हैकल की चोखटों पे रख लो मुझे फिरता आवारा हूँ
इजाज़त हो अगर मेरे मसीह कहता दुबारा हूँ

गुनाहगार हूं इतना कि गुनाहगारी भी शर्माए
सरा पाए खता मुजरिम बड़ा आसी नाकारा हूं

ये माना देर से ही पर लौटा हूँ में भी था एक मुसरीफ
तेरा मुनकिर था मैं पर अब तो मैं तुमको पुकारा हूँ

मदद को आना बंदे की मेरी कश्ती है तूफान में
किनारा दो मुझे मेरे मसीह में बे किनारा हूं

मेरी रूह को कोई से दो तोफफिक गालिब हो हर लम्हा
मैं अपने जिस्म से कब तक लड़ूँ लड़ लड़ के हारा हूँ