Har Pal Ka Wohi Hai KHUDA – हर पल का वही है खुदा | Lyrics

हर पल का वही है खुदा,सांसों का वोही मम्बा
बाहें जो फैलाए खड़ा,आजा तू क्यों दूर खड़ा

चिथड़े उड़े कोड़ों से, बाल सजे कांटो से
दाढ़ी नुची हाथों से,आजा तू क्यों दूर खड़ा

लहू लहू उसका बदन, बक्शीने इसका सुखन
उसी को दें तन और मन,आजा तू क्यों दूर खड़ा

पाप बना तू रास्त बने,इवजी हुआ कि तू न मरे
छेदा गया तू जीता रहे,आजा तू क्यों दूर खड़ा