ईमान के बानी येसू मसीह को तकते रहें,
कामिल करने वाले येसू को तकते रहें
आनन्द से क्रूस का दुख सहा
शरमिन्दगी की कुछ परवाह न की
आंसू बहाने वाले येसू को तकते रहे
ठोकी कीलें, घोंपा भाला
कर माफ इनको, मेरे खुदाया
बख्श देने वाले येसू को, तकते रहें
पाप उठाया खुद को मिटाया
अपने जिस्म से लहू बहाया
गम उठाने वाले येसू को तकते रहे
हाथ पसारे येसू पुकारे
छोड़ दिया क्यों- बाप प्यारे
फिदिया देने वाले येसू को तकते रहें
पूरा हुआ कहके चिल्लाया
दे कर जान सिर को झुकाया
हुआ कफारा येसू मसीह को तकते रहे
मौत शैतान को उसने हराया
बाप ने दाहिने, हाथ बिठाया
फिर से आने वाले येसू को, तकते रहें