जाने क्या ज़माना, कितना है सुहाना
तेरा प्यार मेरे लिए , ए ख़ुदा के बे ऐब बर्रे
जाने क्या ज़माना …….
कांँटो का ताज मेरा, सिर पे तेरे आ टिका
कीलों का बखरा मेरा, हाथों पे तेरे ठुका
सारे जहानों के पापों का फिदिया दिया
जाने क्या ज़माना ……..
आँसू मेरे सब पिए धरती के दुःख सह लिए
बंदा ये तेरा यीशु जीयेगा तेरे लिए
मिट्टी खुदाई के कामों को ज़िंदा किया
जाने क्या ज़माना …….
करनी मोहब्बत सिखा मानिंद अपनी बना
दूर रहूं पाप से रूहानी गुरबत मिटा
नाम ए मसीहा का मैंने सहारा लिया
जाने क्या ज़माना ……