खुश्क चट्टानों से पानी तू पिलाता
बियाबानों में मन बरसाता
कुदरत को जाहिर करता है कलाम ए खुदा
सदिकों की तू हिफाज़त करता है
रास्तबाजों का तू रहबर बनता है – तू रहबर बनता है
सादिक गिरे तो तू ही उठाता
बियाबानों में मन बरसाता ……..
कौमों में तू बुलंद ओ बला
तेरी बादशाही है सब से आला – सब से आला
तू ही ख़ुदा है यही समझाता
बियाबानों में मन बरसाता ……..
खून लगाने से तू बच जायेगा
मौत का फरिश्ता गुजर जाएगा – गुजर जाएगा
ईमान रखो तू यही समझता
बियाबानों में मन बरसाता ……..