Kitna Haseen Vayda – कितना हसीन वायदा

कितना हसीन वायदा ये,
किया खुदावंद ने
कितना हसीन वादा ये,
किया खुदावंद ने
जहाँ दो या तीन जमा हों,
मैं हूँ हाज़िर उनमें
जहाँ दो या तीन जमा हों,
मैं हूँ हाज़िर उनमें

तुझे अकेला ना छोड़ूँ मैं
रूह अपनी भेजूँ
तुझे अनाथ भी, ना छोड़ूँ
एक मददगार भेजूँ
यीशु के सिवा ये कब है, बात कही किसने,

जहाँ दो या…

दस्तक वो देता है चाहे
हर दिल में आना
भरता उसको रूह से अपनी
जिसने उसे जाना
जिसका बने है माली वो
कलियाँ लगे खिलने

रूहे पाक जो हाज़िर है और
कहैं खुशामदीद
इज़्जत दौलत हशमत जिसकी
उसकी करे तम्जीद
रूह के शोले बरसें जब
फिर बदन लगे जलने

जहाँ दो या…