मैं चिराग हूं यीशु नाम का
जलता हूं उसकी शान में
मुझे क्या बुझाएंगी आंधियां
मैं हू पाक रूह की अमान में
मैं भरा हूँ उसके कलाम से
और जिंदगी के पैगाम से
है ईमान को आग लगी हुई
मेरी रूह में मेरी जान में
शोले हैं नासरी के हवाऐं बुझाए क्यूं
खादम है नासरी के बलाये सताए क्यूं
मैं नूर का फ़रज़न्द हूँ
और रूह-ए-खुदा की पसन्द हूँ
मेरी रोशनी ने जन्म लिया
एक रस्ती के मकान में