मैं खुदावन्द की सना गाऊंगा वो जलाल के साथ फतहमन्द हुआ उसकी शफक्त मैं गाऊंगा ।
मैं गुनाह के हाथ बिका हुआ था
बड़ी मुसीबत में फंसा हुआ था
शाफी येसू ने लिया छुड़ा, बजुर्गी उसकी मैं गाऊंगा
मैं खुदावन्द की सना गाऊंगा …..
मुझे हौलनाक गड़हे से उठाया
शहज़ादों के साथ बिठाया
लिया फज़ल से मुझ को बचा,
रहमत उसकी मैं गाऊंगा मैं खुदावन्द
मैं खुदावन्द की सना गाऊंगा …..
कब्र-ए-गुनाह में दफन हुआ था
ज़ोर-ए-शरीयत से दवा हुआ था
रूह ए-येसू ने ज़िन्दा किया,
कुदरत उसकी मैं गाऊंगा
मैं खुदावन्द की सना गाऊंगा …..
नवां जन्म दिया रूह से मसा किया
वारिस बना के वायदे में शामिल किया
हुआ फज़ल जो मुझ पे बड़ा,
उल्फत उसकी मैं गाऊंगा ।
मैं खुदावन्द की सना गाऊंगा …..