मन्नते पूरी करने वाले, घाटे में ना रहते हैं
उनके घराने सुखी रहते ,सुख की रोटी खाते हैं
रखवाली मसीह के लाखों, पाक फरिश्ते करते है
गिरते हैं तो उठ जाते हैं, गिरे हुए ना रहते हैं
मन्नते पूरी…
लूका छह अठतीस को वो ,जीवन में अपनाते हैं
तीन यूहन्ना दो की बरकत, पूरे घर में पाते हैं
मन्नते पूरी…..
सात के सत्तर माफ़ी देते, पाक कलाम पे चलते हैं
शाह के बच्चे राज़ हैं करते, लहू से धुलते जाते हैं
मन्नते पूरी ….