रोशन है मेरा जीवन तेरे ही नूर से
आँखें खुलीं है मेरी तेरे जहूर से
तूने दिया जो तोहफा करूँ तेरी शुक्रगुज़ारी
मेरी रागनी के सुर में तारीफ़ हो तुम्हारी
तेरे गीतों से महक आए जैसे बहूर से
तूने अजीम शहर में हम सब को है बुलाया
तेरे पास जो भी आए उन्हें रूह की मेंह पिलाता
मसरूर हो गया हूँ तेरे सरूर से
अब्दी है तेरी बातें तेरा प्यार है निराला
तूने किया नदीम के जीवन में है उजाला
कभी दूर मैं ना होऊं तेरे हजूर से