तेरे लिये मेरे लिये, आया, आया वो इन्सान बनकर,
आ करके उसने बचाया, इन्सों पे कुर्बान होकर ।
राहे अनोखी दिखाने, आया वो हमको बचाने,
सच्चा बलिदान है क्या, उसने यह हमको बताया ।
आया न अन्जान बनकर ।
दुनिया के सागर में आकर, हलचल एक उसने मचा कर,
सोये हुओं को जगाया, मुक्ति का सूर्य दिखाया,
आया मेहरबान बनकर ।
जीवन का सच्चा सहारा, बन के रहा वो हमारा,
आओ ये आशीष की बातें, सारे जहाँ को सुना दें
आया दिल ओ जान बनकर ।