तेरे रूह से- 2
तेरे रूह से खुदावंद खुदा
ये पहाड़ भी मैदान हो जाएगा
सहरा में भी इक राह बन जाएगा
तेरे रूह से…..
इक काम नया तू करेगा
बीयाबान में दरिया बहेगा
हर दरवाजा आज बंद खुल जाएगा
सहरा में भी इक राह बन जाएगा
तेरे रूह से….
तेज आँधी का जैसे सन्नाटा
बरसे बादल यूं तेरी वफ़ा का
आसमान ज़मीन पर उतर आएगा
सहरा में भी इक्क राह बन जाएगा
तेरे रूह से……
हमपे तेरा फज़ल कीमती है ,
कुछ नही है जो मुम्किन नहीं है
कुलज़म भी सामने से हट जाएगा
सहरा में भी इक रह बन जाएगा
तेरे रूह से ……