तेरी पाक हथेली पर,तस्वीर मेरी यीशु
किलों के ठुकने से कुछ और उभर आई
तस्वीर में तेरी छवि,तस्वीर में तेरा लहू
कोड़ो की लासों से कुछ और निखर आई
ना मोहर जकड़ सकी न कबर का जोर चला
मौत फतहा का लुकमा हुई, रातों कोलां सहर आई
किरदार रहे तुझ सा, मैं तेरी मुनादी करूँ
तू मुझ में मैं तुझ में क्या खूब लहर आई