ये कतरा कतरा लहू बहा के
मेरे मसीह के ये गम तो देखो
कदम कदम पे हैं लाखों मुश्किलें
मेरे मसीह के जख़्म तो देखो
किया है कुर्बान जो लख़ते जिग़र
खु़दा ए रहम का करम तो देखो
ए बाप कर दे माफ इनको
मेरे मसीहा की यह दुआ थी
तू आज होगा, मुकीदे फिरदौस
वो मेरे डाकू की जजा़ थी
ये बर्रा कुर्बान, है तो अज़ल से
उसका सब पे , रहम तो देखो
माफ़ करता है दुश्मनों को
मोहब्बतों का अजम तो देखो
किया है कुर्बान, जो लख़ते जिगर को
खु़दा ए रहम का करम तो देखो
ए बेटे अब से तेरी ये मांँ है
ए मांँ ये अब से, तेरा है बेटा
पुकारता है इबने मरियम
फिक्र सदा का उसको है मांँ का
ये एली एली लमा शबकतनी
मसीह के दुख का अलम तो देखो
किया है कुर्बान जो लख़ते जिगर को
खुदा ए रहम का, करम तो देखो
मैं हूंँ प्यासा, कहे मसीहा
तमाम होता है क्यों नवीश्ता
ऐलान ए फतह किया है मैंने
यूं अपने रूह को तुझे है सौंपा
ए पापी इन्सान मैं तेरा फिदिया
तेरे गुनाह का मैं हूंँ कफारा
पिया है मैंने तेरा प्याला
तेरी वफ़ा का भरम तो देखो
किया है कुर्बान…